सुबह खाली पेट ( neem ke patti  khane ke fayde)  और  नुकसान:







 हमारे भारत  ख़ासियत है कि यहां औषधियों का खज़ाना है, फिर चाहे वह किसी पेड़ के रूप में हो, पौधों के रूप में हो या फिर किसी जड़ी-बूटी के रूप में। नीम ऐसी ही औषधियों गुणों वाले पौधों में से एक है। खास बात यह है कि नीम की न सिर्फ पत्तियां, बल्कि फल, उसके तेल, जड़ और छाल, ये सारी चीजें काफी फायदेमंद मानी जाती हैं। नीम का प्रयोग न सिर्फ भारत में बल्कि, यूनानी मेडिकल पद्धति में भी किया जाता है। लेकिन नीम के सेवन को लेकर, खासतौर से खाली पेट नीम के सेवन को लेकर कुछ सावधानी रखनी भी बेहद जरूरी हैं। नीम किस तरह से प्रयोग करें, कब करें और कितना करें, आइये जान लेते हैं नीम से जुड़ी तमाम जानकारियों के बारे में।



    ●नीम के पत्ते अगर खाली पेट खाये जाये, तो यह कैंसर से बचाने के लिए उपयोगी साबित होती है। नीम की पत्तियां कोई नेगेटिव प्रभाव नहीं देती हैं और शरीर से फ्री रेडिकल्स को खत्म करने में सहायक होती हैं। यही वजह है कि इसे खाने से खून साफ़ होता है, जिससे कैंसर से बचाव होता है।


    ●नीम खाने से इम्युनिटी बढ़ती है। जी हां, खाली पेट अगर नीम की कुछ पत्तियां रोजाना चबाई जाए तो यह सेहत के लिए काफी फ़ायदेमंद होती है, क्योंकि इसमें एंटी ऑक्सीडेंट गुण होते हैं।


    ●नीम के तने को दातुन के रूप में उपयोग में लाया जाता है। नीम के दातुन से दांत के कीड़े खत्म हो जाते हैं। इसलिए पुराने जमाने में ब्रश की जगह दातुन ही किया जाता था। इसके अलावा मसूड़ों के लिए भी यह काफी अच्छा साबित होता है।


    ●नीम की पत्तियां पेट की पाचन क्रिया को ठीक करती है। यह पेट में होने वाले अल्सर, जलन, गैस जैसी समस्याओं को दूर कर देता है। इससे कब्ज की समस्या से भी छुटकारा मिलता है। नीम पेट से टॉक्सिक चीजों को बाहर निकाल कर पेट को पूरी तरह साफ़ कर देता है।


    ●अगर आपको डायबीटीज़ की समस्या है, तो आपको नीम के पाउडर का सेवन करना चाहिए। हर दिन सुबह खाली पेट तीन महीने तक अगर नीम का सेवन किया जाये, इससे डायबीटीज़ से छुटकारा मिल सकता है। हालांकि इसे सीमित मात्रा में ही खाना चाहिए और हो सके तो डॉक्टर से सलाह करके खाएं।



    ●नीम का तेल कान के दर्द में राहत देता है। कई लोगों में कान बहने की समस्या होती है, ऐसे में कान में नीम का तेल डालें।


    ●अगर आपके घाव ठीक नहीं हो रहे तो नीम के पत्ते का लेप लगाने से फायदा होता है।


    ●अगर आप वजन घटाना चाह रही हैं, तब नीम के पाउडर का सेवन आपको हर दिन सुबह-सुबह करना चाहिए।


    ●कोरोना काल में नीम का पाउडर हल्दी के साथ मिला कर अगर गर्म पानी में सुबह सुबह पीया जाये तो इससे भी काफी फायदा होता है. इससे इम्यूनिटी भी बढ़ती है और खांसी-जुकाम से भी आराम मिलता है।


    ●अगर आपको नाक से खून आने की समस्या है तो अजवाइन और नीम की पत्तियां बराबर मात्रा में मिला कर लगाएं, आराम मिलेगा। यहीं नहीं इसके पाउडर का लेप बना कर माथे पर लगाने से सिर दर्द और थकान से काफी आराम मिलता है।


    ●नीम के सेवन से गठिया, मलेरिया, पेट के कीड़े और संक्रमण जैसी परेशानियों से भी निजात मिल जाता है।

          नीम की पत्ती कितनी खानी चाहिए?


नीम के पत्ते न सिर्फ आपको शारीरिक रूप से फायदा देते हैं, बल्कि आपके दिमाग को भी शांत और मजबूत बनाने का काम करते हैं।

नीम के पत्ते न सिर्फ आपको शारीरिक रूप से फायदा देते हैं, बल्कि आपके दिमाग को भी शांत और मजबूत बनाने का काम करते हैं। नीम में कई ऐसे औषधिय गुण होते हैं, जिससे न सिर्फ हमारी सेहत अच्छी रहती है बल्कि खूबसूरती को भी बरकरार रखा जा सकता हैं। गर्मियों में नीम की पत्तियों का इस्तेमाल ज्यादा होता हैं क्योंकि यह शरीर व त्वचा को ठंडक का एहसास दिलाती हैं।


जब ब्रश और मंजन नहीं होते थे तो मुंह की देखभाल के लिए नीम के पत्‍तों, टहनियों का ही उपयोग किया जाता था। आज भी गांवों में तमाम लोग नीम के ही दातून करते हैं। आयुर्वेद की मानें तो नीम से मुंह के समस्‍त रोगों का उपचार किया जा सकता है। यही नहीं नीम कई गंभीर रोगों के उपचार के लिए भी मददगार है। सुबह-सुबह नीम के 4 पत्‍ते चबाकर भी मुंह की देखभाल की जा सकती है। नीम के पत्‍ते किन-किन रोगों में फायदेमंद हैं, इसके बारे में हम आपको विस्‍तार से बता रहे हैं। 


नीम एक पेड़ है। औषधि बनाने के लिए नीम के छाल, पत्ते और बीजों का उपयोग किया जाता है। कई बार, जड़, फूल और फल का भी उपयोग किया जाता है। नीम के पत्‍तों का उपयोग कुष्ठ रोग, नेत्र विकार, नकसीर, आंतों के कीड़े, पेट की ख़राबी, भूख न लगना, त्वचा के अल्सर, हृदय और रक्त वाहिकाओं के रोगों (हृदय रोग), बुखार, मधुमेह, मसूड़ों की बीमारी (मसूड़े की सूजन) और जिगर के लिए किया जाता है।


इसके अलावा, छाल का उपयोग मलेरिया, पेट और आंतों के अल्सर, त्वचा रोग, दर्द और बुखार के लिए किया जाता है। नीम में ऐसे रसायन होते हैं जो रक्त शर्करा के स्तर को कम करने, पाचन तंत्र में अल्सर को ठीक करने, बैक्टीरिया को मारने और मुंह में प्लाक के निर्माण को रोकने में मदद कर सकते हैं।


दांत की मैल:


प्रारंभिक शोध से पता चलता है कि नीम के पत्तों का अर्क दांतों और मसूड़ों पर 6 सप्ताह तक रोजाना लगाने से प्लाक बनना कम हो सकता है। यह मुंह में बैक्टीरिया की संख्या को भी कम कर सकता है जो दांतों की मैल यानी डेंटल प्‍लाक का कारण बनता है। यदि अर्क नहीं मिलता है तो आप नीम के पत्‍तों को ही अच्‍छी तरह से धोकर सुबह-सुबह चबा सकते हैं। हालांकि, 2 सप्ताह तक नीम के अर्क से कुल्ला करने पर प्‍लाक या मसूड़े की सूजन को कम करने के कोई प्रमाण नहीं मिलते हैं। 


कीटरोधक

प्रारंभिक शोध बताते हैं कि नीम की जड़ या पत्ते का अर्क त्वचा पर लगाने से काली मक्खियों को हटाने में मदद मिलती है। इसके अलावा, त्वचा पर नीम के तेल की क्रीम लगाने से कुछ प्रकार के मच्छरों से बचाव होता है। 


अल्सर

कुछ शोध बताते हैं कि नीम की छाल का 30-60 मिलीग्राम अर्क 10 सप्ताह तक दिन में दो बार लेने से पेट और आंतों के अल्सर को ठीक करने में मदद मिलती है। हालांकि इसका प्रयोग करने से पहले आप किसी आयुर्वेदिक चिकित्‍सक की सलाह जरूर लें।


बालों की समस्याओं में लाभकारी है नीम का प्रयोग (Benefits of Neem for Hair Problems in Hindi)













नीम के फायदे बालों के लिए बहुत ही लाभकारी है। बाल झड़ने से लेकर बालों के असमय पकने जैसी बालों की समस्याओं में इसका प्रयोग किया जा सकता है।

नीम के बीजों को भांगरा के रस तथा असन पेड़ की छाल के काढ़े में भिगो कर छाया में सुखाएं। ऐसा कई बार करें। इसके बाद इनका तेल निकालकर नियमानुसार 2-2 बूँद नाक में डालें। इससे असमय सफेद हुए बाल काले हो जाते हैं। इस प्रयोग के दौरान केवल दूध और भात यानी पके हुए चावल ही खाने चाहिए।
नीम के बीज के तेल को नियमपूर्वक 2-2 बूँद नाक में डालने से सफेद बाल काले हो जाते है। इस दौरान केवल गाय का दूध ही भोजन के रूप में लेना होता है। (सफेद बालों को काला करने के घरेलू उपाय)

नीम के पत्ते (Neem Ke Patte) एक भाग तथा बेर पत्ता 1 भाग को अच्छी तरह पीस लें। इसका उबटन या लेप सिर पर लगाकर 1-2 घंटे बाद धो डालें। इससे भी बाल काले, लंबे और घने होते हैं।
नीम के पत्तों को पानी में अच्छी तरह उबालकर ठंडा हो जाने दें। इसी पानी से सिर को धोते रहने से बाल मजबूत होते हैं, बालों का गिरना या झड़ना रुक जाता है। इसके अतिरिक्त सिर के कई रोगों में लाभ होता है।
सिर में बालों के बीच छोटी-छोटी फुन्सियां हों, उनसे पीव निकलता हो या केवल खुजली होती हो तो नीम का प्रयोग बेहतर परिणाम देता है। ऐसे अरूंषिका तथा क्षुद्र रोग में सिर तथा बालों को नीम के काढ़े से धोकर रोज नीम का तेल लगाते रहने से तुरंत लाभ होता है।
नीम के बीजों को पीसकर लगाने से या नीम के पत्तों  के काढ़े से सिर धोने से बालों की जुँए और लीखें मर जाती हैं।

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